Tuesday, August 11, 2020

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लाख का घर

 प्रश्न-1  धृतराष्ट्र दुर्योधन का साथ क्यों देते थे?

उत्तर-  अपने बेटे पर अंकुश रखने की शक्ति धृतराष्ट्र में नहीं थी। इस कारण यह जानते हुए भी कि दुर्योधन कुराह पर चल रहा है, उन्होंने उसका ही साथ दिया।

 

प्रश्न-2   दुर्योधन की जलन का क्या कारण था?

उत्तर-  भीमसेन का शरीर - बल और अर्जुन की युद्ध कुशलता ही दुर्योधन की जलन का कारण थी।

 

प्रश्न-3 दुर्योधन के सलाहकार कौन थे?

 

प्रश्न-4 शकुनी कौन था?

उत्तर -  शकुनी दुर्योधन का मामा था।

 

प्रश्न-5   धृतराष्ट्र के छोटे भाई पांडु को सिंहासन क्यों दिया गया था?

उत्तर -  धृतराष्ट्र जन्म से अंधे थे इसलिए उनके छोटे भाई पांडु को सिंहासन दिया गया था।

 

उत्तर -  युधिष्ठिर के कुढ़ने का कारण पांडवों की लोकप्रियता थी।



प्रश्न-7   पाण्डु के अकाल मृत्यु हो जाने पर किसने राज काज सँभाला और क्यों?

उत्तर -  पाण्डु के अकाल मृत्यु हो जाने पर धृतराष्ट्र ने राज काज सँभाला क्योंकि पांडव बालक थे।

 

प्रश्न-8 प्रजा किसे सिंहासन के योग्य मानती थी और क्यों?

उत्तर -  प्रजा युधिष्ठिर को सिंहासन के योग्य मानती थी क्योंकि उनका मानना था कि युधिष्ठिर ही सारी प्रजा के साथ न्यायपूर्वक व्यवहार कर सकेंगें।

 प्रश्न-9   युधिष्ठिर को प्रजाजन क्यों चाहते थे?

उत्तर -  प्रजाजन युधिष्ठिर को इसलिए चाहते थे क्योंकि वह धर्मानुसार चलते थे, सबसे समान स्नेह करते थे और अपने पिता के समान गुणवान थे।

 

प्रश्न-10    किसने  किससे  कहा?

i.        “पिता जी, पुरवासी तरह-तरह की बातें करते हैं।”

दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा।

 

ii.       “बेटा, तुम्हारा कहना ठीक है। लेकिन यधिष्ठिर के विरुद्ध कुछ करना भी तो कठिन है।”

धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा।

द्रोण

 श्न-1  आचार्य द्रोण कौन थे?

उत्तर-  आचार्य द्रोण महर्षि भरद्धाज के पुत्र थे।

 

प्रश्न-2   आचार्य द्रोण का विवाह किससे हुआ तथा उनके पुत्र का क्या नाम था?

उत्तर-  आचार्य द्रोण का विवाह कृपाचार्य की बहन से हुआ तथा उनके पुत्र का नाम अश्वत्थामा था।

 

प्रश्न-3 राजकुमार द्रुपद बचपन के दिनों में द्रोण से क्या कहा करते थे?

उत्तर -  राजकुमार द्रुपद बचपन के दिनों में उत्साह में आकर द्रोण से कहा करते थे कि पांचाल देश का राजा बन जाने पर वह आधा राज्य द्रोण को दे देंगें।

 

प्रश्न-4   द्रुपद कौन थे और वह कहाँ शिक्षा पा रहे थे?

उत्तर -  द्रुपद पांचाल नरेश के पुत्र थे और वह द्रोण के साथ ही भरद्धाज आश्रम में शिक्षा पा रहे थे।

 

प्रश्न-5   द्रोण को क्या इच्छा हुई?

उत्तर -  द्रोण बड़े गरीब थे। वह चाहते थे कि धन प्राप्त किया जाए और अपनी पत्नी और पुत्र के साथ सुख से रहा जाए।

 

प्रश्न-6   द्रोण परशुराम के पास क्यों गए?

उत्तर -  द्रोण परशुराम के पास इसलिए गए क्योंकि उन्हें खबर लगी कि परशुराम अपनी सारी संपत्ति गरीब ब्राह्मणों को बाँट रहे हैं।



प्रश्न-7 द्रोण ने परशुराम से क्या सिखाने की प्रार्थना की?

उत्तर -  द्रोण ने उनसे सारे अस्त्रों के प्रयोग तथा रहस्य सिखाने की प्रार्थना की।

 

प्रश्न-8   क्या आशा लेकर द्रोणाचार्य राजा द्रुपद के पास गए?

उत्तर -  द्रोणाचार्य को गुरु के आश्रम में द्रुपद की लड़कपन में की गई बातचीत याद थी। उन्होंने सोचा, यदि आधा राज्य नहीं भी देगा तो कम से कम कुछ धन तो जरूर ही देगा। इस आशा से वह राजा द्रुपद के पास गए।

 प्रश्न-9   राजा द्रुपद को द्रोण से मिलकर कैसा लगा?

उत्तर -  राजा द्रुपद को द्रोणाचार्य का आना बुरा लगा और द्रोण का अपने साथ मित्र का-सा व्यवहार करना तो और भी अखरा।

 

प्रश्न-10    किसने किससे कहा?

i.        “ब्राह्मण - श्रेष्ठ! आपका स्वागत है।”

परशुराम ने द्रोण से कहा।

 

ii.       “ब्राह्मण, तुम्हारा यह व्यवहार सज्जनोचित नहीं है।”

द्रुपद ने द्रोण से कहा।

कर्ण

 प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1  पांडवों ने कौन-कौन से ऋषियों से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई?

उत्तर-  पांडवों ने पहले कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से अस्त्र - शस्त्र की शिक्षा पाई।

 

प्रश्न-2   कर्ण कौन था और उसने दुर्योधन से क्या कहा?

उत्तर-  कर्ण अधिरथ द्वारा पोषित कुंती पुत्र था। कर्ण ने दुर्योधन से कहा कि वह अर्जुन से द्वंद्ध युद्ध और उससे मित्रता करना चाहता है।

प्रश्न-3 इंद्र को किस बात का डर था?

उत्तर -  इंद्र को डर था कि भावी युद्ध में कर्ण की शक्ति से अर्जुन पर विपत्ति  सकती है।

 

प्रश्न-4   इंद्र ने बूढ़े ब्राह्मण का वेश क्यों धारण किया?

उत्तर -  इंद्र को डर था कि भावी युद्ध में कर्ण की शक्ति से अर्जुन पर विपत्ति  सकती है।  इस कारण कर्ण की शक्ति कम करने की इच्छा से उन्होंने बूढ़े ब्राह्मण का वेश धारण करके अंग नरेश कर्ण से उनका जन्मजात कवच और कुंडल भिक्षा में माँग लिया।

 

प्रश्न-5   बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से क्या भिक्षा माँगी?उत्तर -   बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से उनका जन्मजात कवच और कुंडल भिक्षा में माँगी।

 

प्रश्न-6   दुर्योधन ने किसकी अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया?

उत्तर -   दुर्योधन ने पितामह भीष्म एवं पिता धृतराष्ट्र की अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया।



प्रश्न-7 सूर्यदेव ने कर्ण को किस बात के लिए सचेत किया?

उत्तर -  कर्ण को सूर्यदेव ने पहले ही सचेत कर दिया था कि उसे दोखा देने के लिए इंद्र ब्राह्मण का वेश धारण करके आयेंगें।

 

प्रश्न-8   कर्ण एक दानवीर था। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -  कर्ण इतना दानी था कि किसी के कुछ माँगने पर वह मना कर ही नहीं सकता था। इस कारण यह जानते हुए भी कि भिखारी के वेश में इंद्र धोखा कर रहें हैंकर्ण ने अपने जन्मजात कवच और कुंडल निकालकर उनको भिक्षा में दे दिए।

 

प्रश्न-9 इंद्र क्या देखकर चकित रह गए?

उत्तर - इंद्र कर्ण की अदभूत दानवीरता को देखकर चकित रह गए।

 

प्रश्न-10   कर्ण ने देवराज इंद्र से क्या वरदान माँगा?

उत्तर -  कर्ण ने देवराज से कहा कि अगर वह उससे प्रसन्न हैंतो शत्रुओं का संहार करनेवाला वह अपना 'शक्तिनामक शास्त्र उसे प्रदान करें।

 

प्रश्न-11 कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना किस प्रकार सीखा?

उत्तर -  कर्ण ब्राह्मण के वेश में परशुराम जी के पास गया और प्रार्थना की कि उसे शिष्य स्वीकार करने की कृपा करें। परशुराम ने उसे ब्राह्मण समझ कर शिष्य बना लिया। इस प्रकार छल से कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना सीखा।

 

प्रश्न-12 परशुराम ने कर्ण को शाप क्यों दिया?

उत्तर -  जब परशुराम को पता चला की कर्ण ने छल से उनसे ब्रह्मास्त्र चलाना सीखा है तो परशुराम ने क्रोध में कर्ण को शाप दे दिया।



प्रश्न-13 भीष्म और आचार्य द्रोण के आहत हो जाने पर दुर्योधन ने किसे कौरव सेना का सेनापति बनाया?

उत्तर -  भीष्म और आचार्य द्रोण के आहत हो जाने पर दुर्योधन ने कर्ण को कौरव सेना का सेनापति बनाया।

 

प्रश्न-14 कर्ण की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर -  जब शापवश कर्ण के रथ का पहिया ज़मीन में धँस गया और वह धनुष बाण रख कर ज़मीन में धँसा हुआ पहिया निकलने लगा, तभी अर्जुन ने उस महारथी पर प्रहार किया और उसकी मृत्यु हो गई।

 

प्रश्न-15 कर्ण ने अर्जुन से क्या कहा?

उत्तर - कर्ण ने अर्जुन से कहा कि जो भी करतब उसने यहाँ दिखाए हैंउनसे बढ़कर कौशल वह दिखा सकता है।

 

प्रश्न-16 अर्जुन ने पाठ में क्या निंदा योग्य बताया है?

उत्तर -  सभा में जो बिना बुलाए आते हैं और जो बिना किसी के पूछे बोलने लगते हैंउसे अर्जुन ने निंदा योग्य बताया है।

 

प्रश्न-17 सभी दर्शक और राजवंश के सभी उपस्थित लोग क्या देख कर दंग रह गए?

उत्तर -  अर्जुन ने धनुष विद्या में कमाल का खेल दिखाया। उसकी अदभुत चतुरता को देख कर सभी दर्शक और राजवंश के सभी उपस्थित लोग दंग रह गए।

 

प्रश्न-18 कौन रंगभूमि में अर्जुन के सामने आकर खड़ा हो गया?

उत्तर -  कर्ण रंगभूमि में अर्जुन के सामने आकर खड़ा हो गया।

 

प्रश्न-19 दुर्योधन ने कर्ण को किस देश का राजा घोषित किया?

उत्तर -  दुर्योधन ने कर्ण को अंगदेश का राजा घोषित किया।



प्रश्न-20    किसने किससे कहा?

i.        “युद्ध में तुम जिस किसी को लक्ष्य करके इसका प्रयोग करोगे, वह अवश्य मारा जाएगा, परंतु एक ही बार तुम इसका प्रयोग कर सकोगे।”

इंद्र ने कर्ण से कहा।

 

ii.       “बेटा, सच बताओ, तुम कौन हो?”

परशुराम ने कर्ण से कहा।

 

iii.      “चूँकि तुमने अपने गुरु को ही धोखा दिया है, इसलिए जो विद्या तुमने मुझसे सीखी है, वह अंत समय में तुम्हारे किसी काम नहीं आएगी।”

परशुराम ने कर्ण से कहा।

 

iv.      “यह उत्सव केवल तुम्हारे लिए नहीं मनाया जा रहा है। सभी प्रजाजन इसमें भाग लेने का अधिकार रखते हैं।”

कर्ण ने अर्जुन से कहा।

 

v.       “मैं अर्जुन से द्वन्द्ध युद्ध और आपसे मित्रता करना चाहता हूँ।”

कर्ण ने दुर्योधन से कहा।

 

vi.      “सारथी के बेटे, धनुष छोड़कर हाथ में चाबुक लो, चाबुक ! वही तुम्हे शोभा देगा।”

भीम ने कर्ण से कहा।

 

vii.     “अज्ञात वीर! महाराज पांडु का पुत्र और कुरुवंश का वीर अर्जुन तुम्हारे साथ द्वन्द्ध युद्ध करने के लिए तैयार है।”

कृपाचार्य ने कर्ण से कहा।


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कविता 34 ज़िन्दगी एक एहसास है

जिंदगी एक अहसास है ' अभिलाषाओ का पापा  कही कम कही ज्यादा प्यासों का  वो मगर क्या सोचता है समझ नहीं आता परिंदों और हवाओ को कैद करने...