जिंदगी एक अहसास है ' अभिलाषाओ का पापा कही कम कही ज्यादा प्यासों का
वो मगर क्या सोचता है समझ नहीं आता
परिंदों और हवाओ को कैद करने की झूठी है परिभाषा
जिंदगी एक एहसास है.................
जिन पनघटो को देखता हू प्यासी नज़रो से पापा ये भी अहसास होता है मजारो से
कमबख्त कब्रों की गिनती कम नहीं होती फिज़ाओ और बहारो की कोशीशो के सहारो
से
जिंदगी एक अहसास है............
सख्त ह्रदयो के इन लोगो से रोज कहता हू पापा दिलो की दूरिया दिल से न बनाओ
ये मगर सोचते क्या है समझ नहीं आता पापा कोई समझाए इन्हें सपनो के महल हवाओ में नहीं बना करते
जिंदगी अहसास है.......
समुन्दर की लहरों से किनारों को जीने का एहसास होता है पापा
आखिर नदियों के सहारे ही बुझती है ये प्यास कोई ये क्या सोचता समझ नहीं आता 'दीपेश' समझाए इन्हें रात के अँधेरे मैं जुगनुओ के सहारे नहीं चला जाता पापा
जिंदगी एक एहसास....
दीपेश कुमार जैन
वो मगर क्या सोचता है समझ नहीं आता
परिंदों और हवाओ को कैद करने की झूठी है परिभाषा
जिंदगी एक एहसास है.................
जिन पनघटो को देखता हू प्यासी नज़रो से पापा ये भी अहसास होता है मजारो से
कमबख्त कब्रों की गिनती कम नहीं होती फिज़ाओ और बहारो की कोशीशो के सहारो
से
जिंदगी एक अहसास है............
सख्त ह्रदयो के इन लोगो से रोज कहता हू पापा दिलो की दूरिया दिल से न बनाओ
ये मगर सोचते क्या है समझ नहीं आता पापा कोई समझाए इन्हें सपनो के महल हवाओ में नहीं बना करते
जिंदगी अहसास है.......
समुन्दर की लहरों से किनारों को जीने का एहसास होता है पापा
आखिर नदियों के सहारे ही बुझती है ये प्यास कोई ये क्या सोचता समझ नहीं आता 'दीपेश' समझाए इन्हें रात के अँधेरे मैं जुगनुओ के सहारे नहीं चला जाता पापा
जिंदगी एक एहसास....
दीपेश कुमार जैन
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