Sunday, July 26, 2020

महाभारत भीष्म प्रतिज्ञा महत्वपूर्ण प्रशन

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1  राजा शांतनु क्यों प्रसन्न थे?

उत्तर-  राजा शांतनु देवव्रत को पुत्र के रूप में पाकर प्रसन्न थे।

 

प्रश्न-2   राजा शांतनु ने यमुना तट पर क्या देखा?

उत्तर-  राजा शांतनु ने यमुना तट पर अप्सरा-सी सुंदर एक तरुणी को देखा जिसका नाम सत्यवती था।

 

प्रश्न-3 सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में क्या विचार आया?

उत्तर -  सत्यवती को देखकर राजा शांतनु के मन में उन्हें अपनी पत्नी बनाने की इच्छा हुई।

 

प्रश्न-4   केवटराज की क्या सर्त थी?

उत्तर -  केवटराज की शर्त थी कि राजा शांतनु के बाद हस्तिनापुर का राज सिंहासन सत्यवती के पुत्र को मिले।

 

प्रश्न-5   राजा शांतनु क्यों चिंतित थे?

उत्तर -  राजा शांतनु इसलिए चिंतित थे क्योंकि वह सत्यवती से विवाह करना चाहते थे पर सत्यवती के पिता केवटराज ने जो शर्त रखी वो अनुचित थी।

 

प्रश्न-6   देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण किस प्रकार पता चला?

उत्तर -  देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण उनके सारथी से पूछताछ करने से पता चला।



प्रश्न-7   देवव्रत का नाम भीष्म क्यों पड़ा?

उत्तर -  देवव्रत का नाम भीष्म इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने आजन्म ब्रह्मचारी रहने की कठोर प्रतिज्ञा की थी।

 

प्रश्न-8   सत्यवती और शांतनु के कितने पुत्र हुए?

उत्तर -  सत्यवती और शांतनु के दो पुत्र हुए - चित्रांगद और विचित्रवीर्य।

 

प्रश्न-9   राजा शांतनु के बाद कौन हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा?

उत्तर -  राजा शांतनु के बाद चित्रांगद हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा।

 

प्रश्न-10   चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी किसे दी गयी?

उत्तर -  चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी विचित्रवीर्य को दी गयी।

 

प्रश्न-11   विचित्रवीर्य की कितनी रानियाँ थीं? उनके नाम लिखें।

उत्तर -  विचित्रवीर्य की दो रानियाँ थीं - अंबिका और अंबालिका।

 

प्रश्न-12   अंबिका और अंबालिका के पुत्रों के नाम लिखें।

उत्तर -  अंबिका के पुत्र थे धृतराष्ट्र और अंबालिका के पुत्र थे पांडु ।



प्रश्न-13    किसने किससे कहा?

i.        “मेरे पिता मल्लाहों के सरदार हैं। पहले उनकी अनुमति ले लीजिए। फिर मैं आपकी पत्नी बनने के लिए तैयार हूँ।”

सत्यवती ने राजा शांतनु से कहा ।

 

ii.       ““आपको मुझे एक वचन देना पड़ेगा ।”

केवटराज ने राजा शांतनु से कहा ।

 

iii.      “जो माँगोगे दूँगा यदि वह मेरे लिए अनुचित न हो ।”

राजा शांतनु ने केवटराज से कहा ।

 

iv.      “पिता जी, संसार का कोई भी सुख ऐसा नहीं है, जो आपको प्राप्त न हो, फिर भी इधर कुछ दिनों से आप दुखी दिखाई दे रहें हैं । आपको किस बात की चिंता है ।”

        देवव्रत ने राजा शांतनु से कहा ।

 

v.       “यदि तुम्हारी आपत्ति का कारण यही है, तो मैं वचन देता हूँ कि मैं राज्य का लोभ नहीं करूँगा । सत्यवती का पुत्र ही मेरे पिता के बाद राजा बनेगा ।”

देवव्रत ने राजा केवटराज से कहा ।

 

vi.      “आर्यपुत्र, इस बात का मुझे पूरा भरोसा है कि आप आपने वचन पर अटल रहेंगे, किंतु आपकी संतान से मैं वैसी आशा कैसे रख सकता हूँ?”

केवटराज ने देवव्रत से कहा ।

 

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