Thursday, July 16, 2020

उपसर्ग हिंदी व्याकरण दीपेश कुमार जैन जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी

उपसर्ग किसे कहते हैं, उदाहरण सहित समझाइए?

  • वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं अर्थात् नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। ये शब्दांश होने के कारण वैसे इनका स्वतंत्ररूप से अपना कोई महत्त्व नहीं होता किन्तु शब्द के पूर्व संश्लिष्ट अवस्था में लगकर उस शब्द विशेष के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं।
  • जैसे— ‘हार’ एक शब्द है, इसके साथ शब्दांश प्रयुक्त होने पर कई नये शब्द बनते हैं यथा— आहार (भोजन), उपहार (भेंट) प्रहार (चोट) विहार (भ्रमण), परिहार (त्यागना), प्रतिहार (द्वारपाल) संहार (मारना) आदि। अतः ‘हार’ शब्द के साथ प्रयुक्त क्रमशः आ, उप, प्र, वि, परि, प्रति, सम्, उत् शब्दांश उपसर्ग की श्रेणी में आते हैं।
उपसर्ग के प्रकार:
हिन्दी में उपसर्ग तीन प्रकार के होते हैं-
  • संस्कृत के उपसर्ग
  • हिन्दी के उपसर्ग
  • विदेशी उपसर्ग
संस्कृत के उपसर्ग
  • संस्कृत में उपसर्ग की संख्या 22 होती है। ये उपसर्ग हिन्दी में भी प्रयुक्त होते हैं, इसलिए इन्हें संस्कृत के उपसर्ग कहते हैं।
उपसर्गअर्थउपसर्ग से बने शब्द
अतिअधिक/परेअतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र अत्यन्त, अत्यधिक, अत्याचार, अतीन्द्रिय अत्युक्ति, अत्युत्तम, अत्यावश्यक, अतीव
अधिप्रधान/श्रेष्ठअधिकरण, अधिनियम, अधिनायक अधिकार, अधिमास, अधिपति, अधिकृत अध्यक्ष, अधीक्षण, अध्यादेश, अधीन अध्ययन, अधीक्षक, अध्यात्म, अध्यापक
अनुपीछे/समानअनुकरण, अनुकूल, अनुचर, अनुज, अनुशासन, अनुरूप, अनुराग, अनुक्रम, अनुनाद, अनुभव, अनुशंसा, अन्वय, अन्वीक्षण, अन्वेषण, अनुच्छेद, अनूदित
अपबुरा/विपरीतअपकार, अपमान, अपयश, अपशब्द अपकीर्ति, अपराध, अपव्यय, अपहरण, अपकर्ष, अपशकुन, अपेक्षा
अभिपास/सामनेअभिनव, अभिनय, अभिवादन, अभिमान, अभिभाषण, अभियोग, अभिभूत, अभिभावक अभ्युदय, अभिषेक, अभ्यर्थी, अभीष्ट अभ्यन्तर, अभीप्सा, अभ्यास
अवबुरा/हीनअवगुण, अवनति, अवधारण, अवज्ञा, अवगति, अवतार, अवसर, अवकाश, अवलोकन, अवशेष, अवतरण
तक/सेआजन्म, आहार, आयात, आतप, आजीवन, आगार, आगम, आमोद आशंका, आरक्षण, आमरण, आगमन आकर्षण, आबालवृद्ध, आघात
उत्ऊपर/श्रेष्ठउत्पन्न, उत्पत्ति, उत्पीड़न, उत्कंठा उत्कर्ष, उत्तम, उत्कृष्ट, उदय, उन्नत, उल्लेख, उद्धार, उच्छ्वास उज्ज्वल, उच्चारण, उच्छृंखल, उद्गम
उपपास/सहायकउपकार, उपवन, उपनाम, उपचार, उपहार, उपसर्ग, उपमंत्री, उपयोग, उपभोग, उपभेद, उपयुक्त, उपभोग उपेक्षा, उपाधि, उपाध्यक्ष
दुर्कठिन/बुरा/विपरीतदुराशा, दुराग्रह, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोग, दुरभिसंधि, दुर्गुण, दुर्दशा दुर्घटना, दुर्भावना, दुरुह
दुस्बुरा/विपरीत/कठिनदुश्चिन्त, दुश्शासन, दुष्कर, दुष्कर्म, दुस्साहस, दुस्साध्य
निबिना/विशेषनिडर, निगम, निवास, निदान, निहत्थ, निबन्ध, निदेशक, निकर, निवारण, न्यून, न्याय, न्यास, निषेध, निषिद्ध
निर्बिना/बाहरनिरपराध, निराकार, निराहार, निरक्षर, निरादर, निरहंकार, निरामिष, निर्जर, निर्धन, निर्यात, निर्दोष, निरवलम्ब, नीरोग, नीरस, निरीह, निरीक्षण
निस्बिना/बाहरनिश्चय, निश्छल, निष्काम, निष्कर्म निष्पाप, निष्फल, निस्तेज, निस्सन्देह
प्रआगे/अधिकप्रदान, प्रबल, प्रयोग, प्रचार, प्रसार, प्रहार, प्रयत्न, प्रभंजन, प्रपौत्र, प्रारम्भ, प्रोज्ज्वल, प्रेत, प्राचार्य, प्रायोजक, प्रार्थी
पराविपरीत/पीछे/अधिकपराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, परावर्तन, पराविद्या, पराकाष्ठा
परिचारों ओर/पासपरिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिमार्जन, परिहार, परिक्रमण, परिभ्रमण, परिधान, परिहास, परिश्रम, परिवर्तन, परीक्षा, पर्याप्त, पर्यटन, परिणाम, परिमाण, पर्यावरण, परिच्छेद, पर्यन्त
प्रतिप्रत्येक/विपरीतप्रतिदिन, प्रत्येक, प्रतिकूल, प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनि, प्रतिनिधि, प्रतीक्षा, प्रत्युत्तर, प्रत्याशा, प्रतीति
विविशेष/भिन्नविजय, विज्ञान, विदेश, वियोग, विनाश, विपक्ष, विलय, विहार, विख्यात, विधान, व्यवहार, व्यथर्, व्यायाम, व्यंजन, व्याधि, व्यसन, व्यूह
सुअच्छा/सरलसुगन्ध, सुगति, सुबोध, सुयश, सुमन, सुलभ, सुशील, सुअवसर, स्वागत, स्वल्प, सूक्ति
सम्अच्छी तरह/पूर्ण शुद्धसंकल्प, संचय, सन्तोष, संगठन, संचार, सलंग्न, संयोग, संहार, संशय, संरक्षा
अन्नहीं/बुराअनन्त, अनादि, अनेक, अनाहूत, अनुपयोगी, अनागत, अनिष्ट, अनीह अनुपयुक्त, अनुपम, अनुचित, अनन्य
उपर्युक्त उपसर्गों के अतिरिक्त संस्कृत के निम्न उपसर्ग भी हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं –
  1. अन्तर् – अन्तर्गत, अन्तरात्मा, अन्तर्धान, अन्तर्दशा अन्तर्राष्ट्रीय, अन्तरिक्ष, अन्तर्देशीय
  2. पुनर् – पुनर्जन्म, पुनरागमन, पुनरुदय, पुनर्विवाह पुनर्मूल्यांकन, पुनर्जागरण
  3. प्रादुर – प्रादुर्भाव, प्रादुर्भूत
  4. पूर्व – पूर्वज, पूर्वाग्रह, पूर्वार्द्ध, पूर्वाह्न, पूर्वानुमान
  5. प्राक् – प्राक्कथन, प्राक्कलन, प्रागैतिहासिक, प्राग्देवता, प्राङ्मुख, प्राक्कर्म
  6. पुरस् – पुरस्कार, पुरश्चरण, पुरस्कृत
  7. बहिर् – बहिरागत, बहिर्जात, बहिर्भाव, बहिरंग, बहिर्गमन
  8. बहिस् – बहिष्कार, बहिष्कृत
  9. आत्म – आत्मकथा, आत्मघात, आत्मबल, आत्मचरित, आत्मज्ञान
  10. सह – सहपाठी, सहकर्मी, सहोदर, सहयोगी सहानुभूति, सहचर
  11. स्व – स्वतंत्र, स्वदेश, स्वराज्य, स्वाधीन, स्वरचित, स्वनिर्मित, स्वार्थ
  12. पुरा – पुरातन, पुरातत्त्व, पुरापथ, पुराण, पुरावशेष
  13. स्वयं – स्वयंभू, स्वयंवर, स्वयंसेवक, स्वयंपाणि, स्वयंसिद्ध
  14. आविस् – आविष्कार, आविष्कृत
  15. आविर् – आविर्भाव, आविर्भूत
  16. प्रातर् – प्रातः काल, प्रातः वन्दना, प्रातः स्मरणीय
  17. इति – इतिश्री, इतिहास, इत्यादि, इतिवृत्त
  18. अलम् – अलंकरण, अलंकृत, अलंकार
  19. तिरस् – तिरस्कार, तिरस्कृत
  20. तत् – तल्लीन, तन्मय, तद्धित, तदनन्तर, तत्काल, तत्सम, तद्भव, तद्रूप
  21. अमा – अमावस्या, अमात्य
  22. सत् – सत्कर्म, सत्कार, सद्गति, सज्जन, सच्चरित्र, सद्धर्म, सदाचार
हिन्दी के उपसर्ग
  • अन (नहीं)— अनपढ़, अनजान, अनबन, अनमोल अनहोनी, अनदेखी, अनचाहा, अनसुना
  • अध (आधा)— अधमरा, अधपका, अधजला, अधगला, अधकचरा, अधखिला, अधनंगा
  • उ – उचक्का, उजड़ना, उछलना, उखाड़ना, उतावला
  • उन  (एक कम)- उन्नीस, उनतीस, उनचालीस, उनचास उनसठ, उन्नासी
  •  (अब)-  औगुन, औगढ़, औसर, औघट, औतार
  • कु (बुरा)- कुरूप, कुपुत्र, कुकर्म, कुख्यात, कुमार्ग कचुाल, कचुक्र, करुीति
  • चौ (चार)- चौराहा, चौमासा, चौपाया, चौरंगा, चौकन्ना, चौमुखा, चौपाल
  • पच – (पाँच) पचरंगा, पचमले , पचकूटा, पचमढ़ी
  • पर (दूसरा) – परहित, परदेसी, परजीवी, परकोटा, परदादा, परलोक, परकाज, परोपकार
  • भर (पूरा)- भरपेट, भरपूर, भरकम, भरसक, भरमार, भरपाई
  • बिन (बिना) – बिनखाया, बिनब्याहा बिनबोया बिन माँगा, बिन बुलाया, बिनजाया
  • ति (तीन) – तिरंगा, तिराहा, तिपाई, तिकोन, तिमाही
  • दु (दो/बुरा) – दुरंगा, दुलत्ती, दुनाली, दुराहा दुपहरी, दुगुना, दुकाल, दुबला
  • का (बुरा)- कायर, कापुरुष, काजल
  • स (सहित)- सपतू , सफल, सबल, सगुण, सजीव, सावधान, सकर्मक
  • चिर (सदैव) – चिरकाल, चिरायु, चिरयौवन, चिरपरिचित चिरस्थायी, चिरस्मरणीय, चिरप्रतीक्षित
  • न (नहीं) – नकुल, नास्तिक, नग, नपुंसक, नगण्य, नेति,
  • बहु (ज्यादा) – बहुमूल्य, बहुवचन, बहुमत, बहुभुज, बहुविवाह, बहुसंख्यक, बहूपयोगी
  • आप (स्वयं) – आपकाज, आपबीती, आपकही, आपसुनी
    नाना (विविध) – नानाप्रकार, नानारूप, नानाजाति, नानाविकार
    क (बुरा)— कपूत, कलंक, कठोर
    सम (समान) – समतल, समदर्शी, समकोण, समकक्ष, समकालीन, समचतुर्भुज, समग्र
    विदेशी उपसर्ग
    हिन्दी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्द भी प्रयुक्त होते हैं फलतः उनके उपसर्गों को हिन्दी में विदेशी उपसर्ग की संज्ञा दी जाती है।
    बे रहित – बेघर, बेवफा, बेदर्द, बेसमझ, बेवजह, बेहया, बेहिसाब
    दर में – दरअसल, दरबार, दरखास्त, दरहकीकत, दरम्यान
    बा सहित – बाइज्जत, बामुलायजा, बाअदब, बाकायदा
    कम अल्प – कमअक्ल, कमउम्र, कमजोर, कम समझ, कमबख्त
    ला परे/बिना – लाइलाज, लावारिस, लापरवाह, लापता, लाजवाब
    ना नहीं-  नापसन्द, नाकाम, नाबालिग, नाजायज, नालायक, नाराज, नादान
    हर प्रत्येक – हरदम, हरवक्त, हररोज, हरहाल हर मुकाम, हर घड़ी
    खुश श्रेष्ठ – खुशनुमा, खुशहाल, खुशबू, खुशखबरी खुशमिजाज
    बद बुरा – बदबू, बदचलन, बदमाश, बदमिजाज, बदनाम, बदकिस्मत
    सर मुख्य/प्रधान – सरपचं , सरदार, सरताज, सरकार
    ब सहित – बखूबी, बतौर, बशर्त, बदौलत
    बिला बिना – बिलाकसूर, बिलावजह, बिलाकानून
    बेश अत्यधिक – बेश कीमती, बेश कीमत
    नेक भला – नेकराह, नेकनाम, नेकदिल, नेकनीयत
    ऐन ठीक _ ऐनवक्त, ऐनजगह, ऐन मौके
    हम साथ _ हमराज, हमदम, हमवतन, हमसफर, हमदर्द
    अल निश्चित – अलगरज, अलविदा, अलबत्ता, अलबेता
    गैर रहित  भिन्न – गैर हाजिर, गैरमदर्, गैर वाजिब
    हैड प्रमुख-  हैडमास्टर, हैड ऑफिस, हैडबॉय
    हाफ आधा – हाफकमीज, हाफटिकट, हाफपेन्ट, हाफशर्ट
    सब उप – सब रजिस्ट्रार, सबकमेटी, सब इन्स्पेक्टर
    को सहित – को-आपरेटिव, को-आपरेशन, को-एजूकेशन

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