Saturday, September 15, 2018

कविता11 रोमांस

वो आसमाँ जमी पर आ गया
फिर दिल मचला तेरा ख्याल आ गया
सपनो की महक का ये नज़ारा
तेरी बाहों मे सबेरा फिर याद आ गया
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हर अंदाज़ तेरी निगाहों के तरऱनुम जैसा
मुफलिसी सा मिलन उजालों जैसा
परवरदिगार के इशारो का अंदाज़े विया
झरोखे की किरणों का मिलन संगीत जैसा
                     { Its for my lovely wife anjali next birthday}दीपेश कुमार जैन

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