Friday, September 14, 2018

मेरी कविता3 मुझे बुरा लगता है

मुझे बुरा लगता है जब सताता है कोई
उस मासूम को बोल न सकने वाले को
जब सताता है कोई मानसिक कमज़ोर को हाँ
। जब सताता है कोई उस बुज़ुर्ग को जो लाचार है
                 मुझे बुरा लगता है......
जब उड़ाता है कोई हंसी ईमानदारी का
जब हटाता है कोई सालो पुराने पेडो को
जब जगाता है कोई अनंत निद्रा से नन्ही परी को
                       मुझे बुरा लगता
जब छलता है कोई नेता जनता की भावनाओं को
जब बचाता है कोई देश के गद्दारो को
जब दबाता है सच की आवाज़ को मुझे बुरा लगता है
जब दिखाता कोई ठेंगा निर्मल योजनाओ को जब फैलाता है कोई गंदगियो को विकृत की तरह जब हँसता है कोई ऊपर लिखी बातों पर     
          मुझे बुरा लगता है............         दीपेश                                 कुमार 
जैन                    
शीसगर वार्ड
छपारा

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