उसने इशारा कर दिया ,अब हद कर दूंगा
हर अंधेरी रात को अब रोशन कर दूंगा
मत देख नापाक इरादों से मेरे देश को
वार्ना तेरे घर में ही आकर तुझे दफन कर दूंगा।
अब हद कर दूंगा
सत्ता का ये खेल हमारे घर का है शौक
कई आये ऐसे जो जब मन किया हमने दिया रोक
तेरी तमीज़ का हर कतरा कतरा है हमारा
न पता तुझे कब तेरे सीने में सैलाब बन देंगे तिरंगा ठोक
अब हद कर दूंगा
इंसानियत से बेतहाशा इश्क हम भी करते
पर दरिया मे समंदर नही जाया करते
कोई कह दे उससे तलवार की नोक पर रख हाथ
जिनमे न खुद सुकून हो गैरी को नही सुलाया करते
अब हद कर दूँगा
हर अंधेरी रात को अब रोशन कर दूंगा
मत देख नापाक इरादों से मेरे देश को
वार्ना तेरे घर में ही आकर तुझे दफन कर दूंगा।
अब हद कर दूंगा
सत्ता का ये खेल हमारे घर का है शौक
कई आये ऐसे जो जब मन किया हमने दिया रोक
तेरी तमीज़ का हर कतरा कतरा है हमारा
न पता तुझे कब तेरे सीने में सैलाब बन देंगे तिरंगा ठोक
अब हद कर दूंगा
इंसानियत से बेतहाशा इश्क हम भी करते
पर दरिया मे समंदर नही जाया करते
कोई कह दे उससे तलवार की नोक पर रख हाथ
जिनमे न खुद सुकून हो गैरी को नही सुलाया करते
अब हद कर दूँगा
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