Thursday, July 16, 2020

कोरोना भी क्या चीज़ है पापा

कोरोना भी क्या चीज है पापा
 हर गली पसरा खोफ का कांटा
 जिधर  देखो  हो  गया सन्नाटा
 एक अनदेखा शत्रु देता है झाँसा
 बंद हो गया सारे जग का सैर सपाटा
          कोरोना भी क्या चीज है पापा
  मंदिर मस्जिद ने कर लिए द्वार बंद
  मनुष्य अब जाए  कहा कहने  द्वंद
  देश -विदेश  सब  एक  समान हुए
  करुण आंखों में बचे आंसू भी चंद
          कोरोना भी क्या चीज है पापा
 भय,दहशत से कोई नही रहा अछूता
 घर, बाहर,द्वार सब डर डर के  छूता
 देश दुनिया सब हुए जा रहे त्राह त्राह
 मानवता खोज रही फिर कोई  गीता
          कोरोना भी क्या चीज है पापा
संकट में दिखावटी हास्यविनोद होता
फिर देखकर जखीरा लाशो का  रोता
सब ज्ञान, मान  ,सम्मान  धूमिल हुए
हर दिन सोचकर बचे रहे रोज जीता
            दीपेश कुमार जैन
       जवाहर नवोदय विद्यालय        
               वारासिवनी
          
  
 
 
  
          
  
  
  
  
  
 

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