कैसी होती जा रही दुनिया
सब ज्ञान विज्ञान हो गया धुंआ
कमरों में सिमिट गया इंसान
सबसे कीमती हो गई दूरियां
दीपेश जैन
स्वरचित कविताओं/विचारो/लेखों/ज्ञानवर्धक संग्रह/कहानियां **न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्गं नापुनर्भवम् ।* *कामये दुःखतप्तानां प्रणिनां आर्तिनाशनम् ॥*
जिंदगी एक अहसास है ' अभिलाषाओ का पापा कही कम कही ज्यादा प्यासों का वो मगर क्या सोचता है समझ नहीं आता परिंदों और हवाओ को कैद करने...
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