तूफानो को आने दो ! पापा
मेरे अंदर के तुफानो को,
बाहर आ जाने दे जिंदगी।
उन हवा के झोको से
शायद ! छट जाये गंदगी।।
तुफानो को.......
मनावता के मूल्य कोंडी भर लगने लगे ।
सुधार की बातो में वर्गमूल जुड़ने लगे ।।
पर नज़र नहीं आता वो बहाव,
जो धो सके अनीति के रखवालो को।।
तुफानो को.........
जहा देखो संकट नज़र आता है,
क्यों नहीं कोई फरिस्ता आता ह ।।
पूछता हू इन पतथरो को पूजने वालो से,
मानव से मानव का रिश्ता क्यों नहीं बन पाता है
तुफानो को......
आत्मा की अंतिम कोर में ये प्रशन चुभने लग "दीपेश"
ईमान ,ज्ञान ,नीती के दोहे ,बेमतलब लगने लगे ।।
राम की कहानी सुनो या अल्लाह के पैगाम
बस । अब चाहिए इंसानियत के नए नाम
तुफानो को.....
मेरे अंदर के तुफानो को,
बाहर आ जाने दे जिंदगी।
उन हवा के झोको से
शायद ! छट जाये गंदगी।।
तुफानो को.......
मनावता के मूल्य कोंडी भर लगने लगे ।
सुधार की बातो में वर्गमूल जुड़ने लगे ।।
पर नज़र नहीं आता वो बहाव,
जो धो सके अनीति के रखवालो को।।
तुफानो को.........
जहा देखो संकट नज़र आता है,
क्यों नहीं कोई फरिस्ता आता ह ।।
पूछता हू इन पतथरो को पूजने वालो से,
मानव से मानव का रिश्ता क्यों नहीं बन पाता है
तुफानो को......
आत्मा की अंतिम कोर में ये प्रशन चुभने लग "दीपेश"
ईमान ,ज्ञान ,नीती के दोहे ,बेमतलब लगने लगे ।।
राम की कहानी सुनो या अल्लाह के पैगाम
बस । अब चाहिए इंसानियत के नए नाम
तुफानो को.....
दीपेश कुमार जैन
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