Monday, October 1, 2018

कवित 40 गांधी है सबकी शान

 मेरी कविता  गाँधी क्या???????
  गांधी है सबकी शान
 उनसे है ये देश महान
 ज्ञान मार्ग पुष्ठ किया
अंहिसा की दम पर जिया
                 


                 गांधी है सबकी शान
 हर दिशा मे किया उद्धघोष
 अंग्रजो को भी आया होश
 जियो और जीने दो अपनाया
 तब भारत में भर आया जोश
                    गांधी है सबकी शान
सदबुद्धि सत्मार्ग सन्मति सिखलाया गोरो को उनका काला चेहरा दिखलाया काले कहने वालो को मुँह का काला करवाया
 बिना उठाये अस्त्र सस्त्र ही उनको दूर भगाया।
                        गांधी है सबकी शान
 शिक्षा, अध्यात्म ,दर्शन ,सत्य का खिलाड़ी
 संघर्षो का जीवन ,सरलता के खेल का जुआड़ी
 कर गया नाम अपना चिरिस्थाई
 भारत को बतला गया कहा है इसकी नाड़ी
                        गांधी है सबकी शान
 जिसने जिरह की उसको मिला शाप कर गया जाते जाते खुद के कातिल को भी माफ
 फरिस्ता था इंसान कोई नही समझा ऐसा सन्यासी कहलाया सबका बाप                           गांधी है सबकी शान
                         दीपेश कुमार जैन

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